मंढविनी या भाल देव: लोनारी कुंभी मराठा समुदाय की विशिष्ट विवाह रस्म

mandhavinee or bhaal dev

मध्य प्रदेश के लोनारी कुंभी मराठा समुदाय में विवाह के समय निभाई जाने वाली एक और महत्वपूर्ण रस्म है, जिसे “मंढविनी” या “भाल देव” भी कहते हैं। यह रस्म कुल देवता और पूर्वजों की पूजा के माध्यम से वर-वधू के नए जीवन की शुभ शुरुआत का प्रतीक है। मंढविनी रस्म का महत्व मंढविनी रस्म में … Read more

गोत्र के प्रकार: जानें गोत्र की पूरी जानकारी और उनके महत्व

Gotra ke prakar

सनातन धर्म में गोत्र का बहुत महत्व है। जब शादी, पूजा या कोई धार्मिक कार्य होता है, तो गोत्र पूछा जाता है। यह परंपरा हमारी सांस्कृतिक और पारिवारिक पहचान को दर्शाती है। गोत्र का अर्थ उदाहरण के लिए, अगर किसी का गोत्र “कश्यप” है, तो इसका मतलब है कि वह कश्यप ऋषि के वंशज हैं। … Read more

पौष मे विवाह से जुड़े कार्य क्यों वर्जित होते हैं?

marriage related activities prohibited in Paush

हिंदू धर्म में चंद्र कैलेंडर के आधार पर महीनों और तिथियों का निर्धारण किया जाता है। पौष मास हिंदू पंचांग का दसवां महीना है, जो मार्गशीर्ष (अगहन) के बाद और माघ मास से पहले आता है। हर चंद्र मास को दो पक्षों में बांटा गया है: पौष शुक्ल और पौष कृष्ण में अंतर पौष शुक्ल … Read more

लोनारी कुंभी मराठा: मध्य प्रदेश में उपस्थिति, परंपराएं और विशिष्टता

Lonari Kumbhi Maratha community in Madhya Pradesh

लोनारी कुंभी मराठा समुदाय का मध्य प्रदेश में आगमन एक ऐतिहासिक प्रक्रिया का परिणाम है। यह समुदाय मूलतः महाराष्ट्र के मराठा क्षेत्र से संबंधित है, लेकिन समय के साथ सामाजिक, आर्थिक, और राजनीतिक कारणों से यह मध्य प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में बस गया। लोंहारी कुनबी मराठा समुदाय का मध्य प्रदेश में आगमन कैसे हुआ? … Read more