गोत्र के प्रकार: जानें गोत्र की पूरी जानकारी और उनके महत्व

Gotra ke prakar

सनातन धर्म में गोत्र का बहुत महत्व है। जब शादी, पूजा या कोई धार्मिक कार्य होता है, तो गोत्र पूछा जाता है। यह परंपरा हमारी सांस्कृतिक और पारिवारिक पहचान को दर्शाती है। गोत्र का अर्थ उदाहरण के लिए, अगर किसी का गोत्र “कश्यप” है, तो इसका मतलब है कि वह कश्यप ऋषि के वंशज हैं। … Read more

लोणारी कुंबी मराठी शादियों में “वरग” का क्या महत्व है?

significance of "Varag" in Marathi weddings

लोणारी कुंबी मराठी शादियों में “वरग” प्रणाली का संबंध व्यक्ति की जन्म राशि और नक्षत्र से है। यह वैदिक ज्योतिष पर आधारित एक प्राचीन पद्धति है, जिसका उद्देश्य विवाह की अनुकूलता और सामंजस्य सुनिश्चित करना है। वरग को जानवरों से जोड़ा गया है, जो व्यक्ति के स्वभाव और व्यवहार को दिखाते हैं। वरग का अर्थ … Read more

पौष मे विवाह से जुड़े कार्य क्यों वर्जित होते हैं?

marriage related activities prohibited in Paush

हिंदू धर्म में चंद्र कैलेंडर के आधार पर महीनों और तिथियों का निर्धारण किया जाता है। पौष मास हिंदू पंचांग का दसवां महीना है, जो मार्गशीर्ष (अगहन) के बाद और माघ मास से पहले आता है। हर चंद्र मास को दो पक्षों में बांटा गया है: पौष शुक्ल और पौष कृष्ण में अंतर पौष शुक्ल … Read more

मराठी शादियों में गोत्र, वरग और वर्ण का महत्व?

gotra-varag-varn-ka-mahatva

मराठी शादियों में गोत्र, वरग और वर्ण तीन महत्वपूर्ण बातें हैं, जो विवाह की सफलता, जातीय और सामाजिक स्थिति, और पारिवारिक रिश्तों को प्रभावित करती हैं। इनका धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से खास महत्व है। आइए, इन तीनों को सरल शब्दों में समझते हैं। 1. गोत्र क्या है? गोत्र का अर्थ कुल या परिवार से … Read more