बारहमासी लोणारी कुंबी के विवाह के दौरान किया जाने वाला एक महत्वपूर्ण और पारंपरिक अनुष्ठान है, जिसे खासतौर पर मंडप (विवाह या किसी शुभ कार्य से जुड़ी संरचना) के दिन शाम 4-5 बजे के बीच किया जाता है।
यह अनुष्ठान घर को पवित्र करने और नकारात्मक शक्तियों को दूर करने के उद्देश्य से किया जाता है।
बारहमासी की प्रक्रिया
बारहमासी को संपन्न करने के लिए निम्न सामग्रियों का उपयोग किया जाता है:
- नींबू: नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में सहायक।
- नारियल: शुद्धता और सकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक।
- आकुआ के पत्ते: पवित्रता और धार्मिक कार्यों के लिए उपयोगी।
यह अनुष्ठान किसी अनुभवी और जानकार व्यक्ति द्वारा किया जाता है, जो इस प्रक्रिया के सभी धार्मिक और पारंपरिक नियमों को जानता है।
बारहमासी का उद्देश्य
- घर की पवित्रता: यह अनुष्ठान घर को शुद्ध करने के लिए किया जाता है, ताकि मंडप या शुभ कार्य में किसी प्रकार की बाधा न आए।
- नकारात्मक शक्तियों को दूर करना: माना जाता है कि बारहमासी से बुरी नजर और नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव समाप्त हो जाता है।
- सकारात्मकता का संचार: यह प्रक्रिया घर में सकारात्मक ऊर्जा लाती है और शुभ कार्यों के लिए वातावरण को अनुकूल बनाती है।
धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व
बारहमासी हिंदू परंपरा का हिस्सा है, जो पीढ़ी दर पीढ़ी चली आ रही है। इस अनुष्ठान को करते समय विशेष मंत्रों का उच्चारण किया जाता है, जो धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण माने जाते हैं। इसका आयोजन विशेष रूप से विवाह, गृह प्रवेश या अन्य शुभ कार्यों से पहले किया जाता है।
सावधानियां
- बारहमासी को संपन्न कराने के लिए हमेशा किसी अनुभवी और धार्मिक ज्ञान रखने वाले व्यक्ति का मार्गदर्शन लेना चाहिए।
- पूजा सामग्री शुद्ध और पूरी तरह से स्वच्छ होनी चाहिए।
- अनुष्ठान के दौरान शांत वातावरण बनाए रखना आवश्यक है।
निष्कर्ष
लोणारी कुंबी मराठा की शादियों मे बारहमासी केवल एक अनुष्ठान नहीं, बल्कि हिंदू संस्कृति की समृद्ध परंपरा का प्रतीक है। यह घर को पवित्रता और सकारात्मक ऊर्जा से भरने के साथ-साथ नकारात्मक शक्तियों को समाप्त करने का माध्यम है।